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स्टॉक मार्किट क्या है – What is stock market in Hindi
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2 years agoon
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neeru
क्या आप अमीर बनना चाहते है तो जानिए-स्टॉक मार्किट क्या है?
क्या आप अपने पैसो को काम पर लगा कर आराम से कमाई का मज़ा ले सकते है? तो मेरा जबाब होगा, हां |
आपका पैसा खुद आपको कमा कर दे सकता है मगर कब जब आप उस पैसे को सही तरीके से निवेश करेंगे, उसके लिए आप मेरा ब्लॉग-स्टॉक मार्किट क्या है, अंत तक देखिये।
आज मै आप सभी को बताने जा रही हूँ, सदियों से चला आ रहा मशहूर तरीका, जो की आपको अच्छी कमाई कराने की काबिलियत रखता है और वो तरीका है शेयर बाजार।
जी हाँ आपने सही सुना, शेयर बाजार। मै जानती हूँ, की शेयर बाजार के नाम से सभी डरते है और उसे सट्टा बाजार मानते है. सभी को अधिकतर यही डर रहता है की यहाँ पर सारा पैसा डूब जाता है, लोग बर्बाद हो जाते है। इसीलिए हमे शुरू से बताया गया है की शेयर बाजार से दूर रहना चाहिए- सही कहा ना मैंने ?
मगर क्या आपको पता है की शेयर बाजार ही एक ऐसी इकलौती जगह है जहा की आप अपनी money को कई गुना बड़ा सकते है। मगर उसके लिए आपको सही ज्ञान और धैर्य होना बेहद जरुरी है. ये दो बाते सबसे महत्वपूर्ण है. अगर इन दो बातो का ध्यान रखकर यदि आप शेयर बाजार में पैसा निवेश करते है तो आपको अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसके लिए आपको जानना है कि स्टॉक मार्किट क्या है?
क्या आपको पता है की हमे ना तो हमारे घर मे और न ही स्कूल या कॉलेज में “Financial freedom“, “Investment” या “Money making” के बारे में कुछ भी नहीं सिखाया जाता है. ये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विषय है और हर किसी को इसकी knowledge होनी बहुत ज्यादा जरुरी है.
बल्कि हमे तो हमेशा से ये ही सिखाया जाता है की अच्छे से पढ़ाई करो ताकि एक अच्छी नौकरी मिल जाये. यह कभी भी नहीं कहा जाता की money को multiply करना सीखो या अमीर बनना सीखो। बड़ी विडम्बना है Investment के बारे में 20 या 25 साल की उम्र तक हमे कुछ भी नहीं पता होता. काश यह सब हमें शुरू से सिखाया जाता तो आज हम easily पैसा बनाना जानते, जो की हर किसी को आना चाहिए।
हम सभी को यह ज्ञान होना बेहद जरुरी है की पैसे से पैसा कैसे कमाए। हमारे देश में सिर्फ 5% लोग शेयर बाजार में निवेश करते है और अमेरिका जैसे देशो में 50% लोग शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करते है. वो लोग शेयर बाजार को सट्टा नहीं मानते बल्कि बहुत ही अच्छा तरीका मानते है Money multiplication का. या आप ये कह सकते है की Investment काअच्छा तरीका मानते हैं. हमे भी चाहिए की हम अपने मन के डर को हटाए और सही तरीके से सम्पूर्ण ज्ञान हासिल करे और फिर शेयर मार्किट में enter करे।
शेयर बाजार क्या है और ये कैसे काम करता है?
शेयर बाजार या कहे stock market वह जगह होती है जहा पर की आप किसी भी कंपनी का शेयर यानि की हिस्सेदारी खरीद सकते है. जैसे की इसके नाम से ही पता चलता है की शेयर (हिस्सा). साधारण सी भाषा में समझे तो आप एक कंपनी में हिस्सेदारी खरीदते है. जैसे की Reliance company का शेयर लेते है तो आप इस कंपनी में हिस्सेदार बन जाते है चाहे छोटे से ही मगर partner तो बन ही जाते है।
पूरी कंपनी खरीदना नामुमकिन लग सकता है मगर partner बहुत आसानी से बना जा सकता है. शेयर बाजार भी एक बाजार है supermarket की तरह. जैसे की आप supermarket में अपनी चॉइस का सामान खरीदते है, ठीक वैसे ही यह शेयर बाजार एक supermarket हैं. ढेर सारी companies इस सुपरमार्केट में आपके सामने होती हैं. यहाँ आपको आपकी knowledge और research के आधार पर शेयर चुनना और खरीदना है।
सबसे महत्वपूर्ण बात है की आप खुद से research करके ही किसी भी कंपनी का शेयर खरीदे। किसी के भी बताने से या कोई भी tip TV या कही से भी लेकर कभी भी न खरीदे। क्यूंकि यदि आपने किसी के भी कहने से कुछ भी खरीद लिया और आपको नुकसान हो गया तो उसका रिजल्ट यह होगा की आप शेयर बाजार से हमेशा के लिए तौबा कर लेंगे। जो की एक गलत फैसला होगा, वहा पर आप को देखना चाहिए की गलती कहा हुई और उसे कैसे सही करें।
आप मुझे एक बात बताइये की क्या आप अपने लिए या अपने घर के लिए कोई भी सामान खरीदते है चाहे वो TV हो, Phone हो या कपड़े या कुछ भी खरीदते है तो आप उसके बारे में पूरी Research करके ही लेते है, Right?
अगर मान लेते है की किसी के बताने से कोई फ़ोन लिया और वो ठीक नहीं निकला, तो क्या आप हमेशा के लिए फ़ोन लेने को मना कर देते है या फिर अगली बार खुद से पूरी Research करके फ़ोन खरीदते है? ठीक यही तरीका आपको शेयर खरीदते वक़्त भी करना चाहिए। खुद से पूरी research करो फिर ही कोई शेयर खरीदो।
- जैसे कि कंपनी कैसी है?
- उसकी कम से कम पांच सालो की Income growth कैसी है?
- कंपनी पर कर्जा तो नहीं है, अगर है तो कितना है?
- Promoters की हिस्सेदारी कितनी है?
- PE Ratio कितना है, मतलब की जो शेयर की कीमत है वो ठीक है या बहुत ज्यादा महंगा तो नहीं है?
अब तक अपने जाना कि “स्टॉक मार्किट क्या है” आगे और भी बहुत सारी details में आपके साथ शेयर करुँगी।
अभी मैंने आपको यहाँ सारी जरुरी जानकारी दी है की किसी भी कंपनी को लेने से पहले क्या देखना चाहिए।
एक बढ़िया शेयर कैसे चुने?
अब बात आती है कि शेयर को कैसे चुने। एक बहुत ही आसान सा तरीका मैं आपको बताती हूँ कि आप अपने घर में और चारो तरफ आस पड़ौस में देखिये की आप लोग ज्यादा से ज्यादा और रोजाना कौन सी वस्तु (Item) इस्तेमाल करते है. चाहे वो खाने की चीज हो या रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीज हो.
तरीका-1
उदहारण के लिए, कौन सा टूथपेस्ट ज्यादातर लोग इस्तेमाल कर रहे है और वो कौन सा product है जो की अच्छा है. जैसे की Colgate, सालो पुराना है और इस ब्रांड पर लोगो का पूरा भरोसा भी है, Right?
तो लीजिये आपको आपकी एक कंपनी मिल गयी “Colgate”. इसी तरह आप और भी कम्पनीज को चुन सकते है।
तरीका-2
फिर जब आप कुछ कम्पनीज को चुन लेते है तो अगला step है, उस particular कंपनी के बारे में आप सबसे पहले अच्छी तरह से रिसर्च करिये।
- Company कैसी है?
- Total cost कितना है?
- पांच सालो का फुल इनकम कैसा रहा है?
- कर्जा कितना है?
तरीका-3
आप Best top 10 कम्पनियो की लिस्ट बनाओ और फिर उनके बारे में पूरी details निकालिये। जब आप इतना सब कुछ खुद से करोगे तो आपको खुद ही अंदाज़ा हो जायेगा की आपको किस कम्पनी में पैसा निवेश करना है।
NOTE :
आप बिना किसी भी जानकारी के कोई भी कंपनी में पैसा निवेश ना करे।
सस्ती कंपनी और शेयर के पीछे ना भागे बल्कि यदि शेयर महंगा भी है और कंपनी अच्छी है तो वो महंगा शेयर ही ख़रीदे। किसने कहा है एक साथ बहुत सारे शेयर लेना है. एक-एक करके शेयर खरीद सकते है.
जैसे की MARUTI कंपनी का शेयर महंगा है.
एक शेयर,आज की date में 5,754 Rs का है। इस तरह के शेयर आप हमेशा एक- एक हर महीने लेते रहे और धीरे- धीरे इकट्ठा करे.
Reliance का 1 शेयर, 1741 Rs का है. तो बहुत ही मुमकिन है की सबको महँगा लगेगा. मगर ये बढ़ते भी इसी तरह है.
मैं आपको अपना खुद का उदाहरण देती हूँ. जब मार्किट down था तो मैंने 4100 Rs में maruti के सिर्फ २ शेयर लिए थे. आज वो 5754 Rs का हो गया है. सिर्फ ये 2 शेयर से मुझे कितना ज्यादा फायदा हुआ है।
(In India) वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी “महंगा रोये एक बार, सस्ता रोये बार बार“. यही बात यहाँ शेयर मार्किट में भी लागु होती है.
एक बात का ध्यान रखियेगा की हमेशा लम्बे समय के लिए निवेश करे. क्योकि एक अच्छी मनी लम्बे समय में ही बनती है. कम से कम 5 सालो का नजरिया रखिये। आप कम से कम 18% तक का profit return आराम से बना लेंगे। हर महीने थोड़ा-थोड़ा खरीदते रहिये, तो पांच सालो में एक अच्छा amount इकठा हो जायेगा। long duration में risk भी काफी कम होता है.
यह return किसी भी FD के return का तीन गुना है और GOLD और REAL STATE के return का दुगना है.
जब हम शेयर बाजार में invest करते है तो किसी एक शेयर में नहीं बल्कि 8 से 10 शेयर्स में करते है, तो प्रॉफिट overall देखा जाता है. जैसे की total 8 कंपनी में, 50,000 Rs इन्वेस्ट किये है, तो प्रॉफिट total का दिखेगा। मतलब अब आपका मनी 60,000 Rs हो गया है. किसी में कम और किसी में ज्यादा return आया, तो total प्रॉफिट, 10,000 का हुआ.
आप हमेशा यह बात ध्यान रखे की जब शेयर बाजार बहुत ऊपर है मतलब बहुत महँगा है तब ना ख़रीदे बल्कि जब सस्ता हो, मार्किट डाउन हो, तब ही ख़रीदे। जैसे की अभी मार्च में कोरोना वायरस की वजह से मार्केट बहुत ज्यादा नीचे गिर गया था.अधिकतर सभी शेयर तक़रीबन 55% सस्ते हो गए थे. यही एक बहुत ही अच्छा टाइम है की आप अच्छी कंपनीके शेयर कम price में खरीद सकते है. कह सकते है, शेयर बाजार में FLAT 50% की SALE लगी हुई है. इस तरह का मौका 12 से 13 सालो में कभी एक बार जाकर मिलता है. सही जानकारी के साथ आप निवेश शुरू कर सकते है.
मगर कभी भी जल्दबाजी में किसी भी TIP पर भरोसा करके कुछ भी न ले और हां, अगर कुछ महंगा खरीदा है तो घबराकर नुकसान में बेच कर न जाये।
एक उदाहरण देती हूँ, मार्किट डाउन होने से 6 month पहले IRCTC का आईपीओ आया था. लगभग 350 Rs का था और 6 month में उसका rate 1900 Rs. हो गया. सोचिये लोगो को कितना ज्यादा profit हुआ होगा और अचानक से कोरोना वायरस आ गया. मार्किट फिर से गिर गया और यह शेयर निचे गिरकर 750 Rs पर आ गया।
तो ऐसे में अपने शेयर को नुकसान में बेच कर न जाये बल्कि इस rate पर और शेयर buy करे. क्योकि railways तो रुकने वाली नहीं है, फिर से सब कुछ शुरू होगा. मार्किट भी वापिस ऊपर आ जायेगा। जब आपको अच्छा प्रॉफिट आ जाये, तो शेयर को बेच सकते है. यहाँ ऐसी स्थिति में धैर्य होना बहुत जरुरी है.
एक बात और ज्यादा लालची भी मत बनिए। जब आपको एक बहुत अच्छा प्रॉफिट मिल रहा हो तो शेयर को बेच दें और फिर से नीचे के भाव पर खरीद ले। हमेशा इनवेस्टे करते रहिये, क्योकि मार्किट अपनी ही मर्जी से चलता है.
मार्किट ऊपर है तो नीचे भी जरूर आएगा और नीचे से ऊपर भी जायेगा। It is like heart beat .
Barren Buffet के बारे में आपको पता है. वो दुनिया के सबसे बड़े शेयर मार्किट के Investor है. उनका मानना है की जब एक अच्छी कंपनी कम price पर मिले तो उसे तुरंत ले लो और उसके सही प्राइस पर आने पर बेच दो। इसी तरीके को आजमा कर आज वो विश्व के अमीरो की लिस्ट में शामिल हुए है।
क्या आपको मालूम है की उन्होंने 12-13 साल की उम्र से इन्वेस्टमेंट शुरू किया था और आज वो कम्पाउंडिंग की ताकत से विश्व के अमीर व्यक्ति बने है। अब आप पूछेंगे की कम्पाउंडिंग क्या है, तो मै आपको बताती हूँ की कम्पाउंडिंग की ताकत क्या होती है?
COMPOUNDING KYA होती है?
यदि आप लगातार 25 सालो के लिए 1000 Rs महीने के निवेश करते है और हर साल मूल रकम में 15% की बढ़ोतरी करते रहेंगे। मान लेते है की आपको 15% का ही प्रॉफिट हो रहा है, तो आप 25 सालो में 1 करोड़ रुपया जोड़ सकते है. मतलब की करोड़पति बड़ी ही आसानी से बन सकते है|
उदहारण: SIP calculator link- जो की आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं. सिंपल कैलकुलेशन निचे दी गयी है.
- पहले साल में 1000 *12 =12000 Rs
- दूसरे साल हम 15% रकम बढ़ाएंगे, 1150*12 =13800 Rs
इसी तरह 25 सालो तक Investment करते रहते है, तो आपके पास 1 करोड़ रुपए बहुत ही आसानी से जमा हो जायेंगे।
यही होती है कम्पाउंडिंग की ताकत। बस शर्त यही है, कि लगातार इनवेस्ट करते रहना होगा, बीच में पैसा नहीं निकालना है.
SIP- सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan)
इन्वेस्टमेंट शुरू कैसे करे और उसका PROCESS क्या है?
प्रोसेस बहुत ही आसान है.
आपके पास 3 documents होने चाहिए।
- १. आधार कार्ड
- २. PAN कार्ड
- ३. बैंक अकाउंट
उसके बाद सारा प्रोसेस ऑनलाइन होता है. बहुत सारे ऑनलाइन ब्रोकर्स है. निचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
आप इन पर अपना “Demat account” बना सकते है. काफी कम ब्रोकरेज पर आपको यहाँ शेयर खरीदने और बेचने का ऑप्शन मिल जाता है. अकाउंट खोलिये और इन्वेस्टिंग शुरू करें।
यदि सब कुछ इतना आसान और अच्छा है तो शेयर मार्किट का नाम इतना बदनाम क्यों है
इस बात के जबाब में मै यही कहूँगी कि यह सब mindset पर निर्भर करता है. क्योकि जब आप घर बनाते है या गोल्ड बनाते हैं तो क्या आप उसे 2 से 3 महीने में बेच देते है और क्या आपको प्रॉफिट होता है?- जवाब है- नहीं. आप उसको सालो साल रखते है और अपनी पीड़ियों में आगे बढ़ाते है. तो फिर शेयर के साथ ऐसा क्यों करते है। वो भी तो एक इन्वेस्टमेंट ही है.
जैसे की आप प्रॉपर्टी और गोल्ड को बढ़ने का टाइम देते है, उसी तरह शेयर को भी देना चाहिए।
यहाँ शेयर मार्किट में लोग यह mindset से आते है की रातो रात अमीर बन जायेंगे। मगर ऐसा तो सिर्फ लॉटरी से या जुआ खेलने से ही संभव हो पता है, जो की एक बहुत ही गलत तरीका है|
शेयर मार्किट तो एक business है. जब भी आप कोई business करते है, तो आपको उसको पूरा टाइम देना होता है. आगे बढ़ने के लिए ठीक उसी तरह से आप शेयर मार्किट में भी टाइम इन्वेस्ट करे। यकीन मानिये आपको कभी भी नुकसान नहीं होगा।
क्या मै बिना FINANCIAL BACKGROUND या COMMERCE KNOWLEDGE के निवेश कर सकता हूँ?.
जवाब है- हां. आप निवेश कर सकते है. सदाहरण सी Math आपको आनी चाहिए।
इस बात को मै एक उदाहरण से देना चाहूंगी.
एक सर्वे हुआ था, जिसमे 10 से 12 साल के बच्चे थे और CA प्रोफेशनल्स थे. उन्हें कहा गया की आप लोग कुछ शेयर्स चुनो। बच्चो ने जो शेयर्स चुने, उन्हें एक पोर्टफोलियो में रखा गया और CA प्रोफेशनल्स ने जो शेयर्स चुने, उन्हें एक अलग पोर्टफोलियो में रखा गया। पांच साल बाद जब देखा गया की किसका RETURN ज्यादा है तो आपको आश्चर्य होगा की बच्चो के पोर्टफोलियो का RETURN CA प्रोफेशनल्स से ज्यादा था।
ऐसा क्यों हुआ, क्योकि बच्चो ने चुनी थी वो कम्पनीज जो की वो रोजाना में इस्तेमाल करते थे. जिनके वो ग्राहक थे. जैसे की CADBURY CHOCOLATES, BARBIES DISNEY. इस तरह की कंपनी बच्चो ने चुनी और ज्यादा प्रॉफिट बनाया। इस उदाहरण को देने का मतलब सिर्फ इतना है की आपको इन्वेस्टमेंट करने के लिए किसी खास फाइनेंसियल नॉलेज की जरुरत नहीं है।
आपका शेयर मार्किट में स्वागत है।
शेयर बाजार आखिर काम कैसे करता है?
चलिए इस बात को इस तरह से समझते है की यदि आपको कोई कंपनी खोलनी है और उसके लिए आपको 25000 करोड़ रुपए चाहिए तो इतना सारा पैसा आपको न तो परिवार देगा और न ही कोई दोस्त या रिस्तेदार देगा। बशर्ते, आप किसी बिलगेट्स या अम्बानी की फॅमिली से हो- Jokes apart. तो इतना सारा रुपए कहाँ से आएगा?
इस बात का जबाब होगा पब्लिक से,आम आदमी इन्वेस्टर्स से, और वो कैसे?
आप अपना “business model” लोगो को समझाओगे की यह मेरा प्लान है और आप इसमें इन्वेस्ट करो. जब इन्वेस्टर को उस प्लान में दम लगता है तो वो उसमे शेयर के माध्यम से इन्वेस्ट करता है जैसा की अभी हाल ही में रिलायंस ने भी किया है. फिर जब प्रॉफिट होगा तब उसे पर शेयर के हिसाब से बाट दिया जाता है, शेयर का प्राइस बढ़ जाता है.
यदि माना की आपको पैसो की जरुरत है तो वो कंपनी तो आप से दुबारा शेयर नहीं लेगी क्योकि उसे तो अभी पैसा चाहिए, फिर आप कैसे बेचेंगे? वो आप बेचेंगे शेयर बाजार में जो की SEBI के अंतर्गत आता है. यहाँ पर 4000 से भी ज्यादा कम्पनीज रजिस्टर है. हम यहाँ कभी भी शेयर को बेच सकते है और तुरंत ही पैसा आपके DEMAT अकाउंट में आ जाता है। आप यहाँ shares कभी भी खरीद सकते है और कभी भी बेच सकते।
आप इस शेयर बाजार की वजह से किसी भी कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकते है, इसी को शेयर बाजार कहते हैं। आज मैंने आपको बिलकुल साधारण सी भाषा में समझाने की कोशिश की है कि आखिर शेयर बाजार क्या होता है और ये कैसे काम करता है. कोई term नहीं बताई है.
आज मैंने आपको बिलकुल simple basic steps बताये हैं. आगे हम बहुत सारी चीजे सीखेंगे।
जैसे की :
- NIFTY 50 क्या है ?
- SENSEX क्या होता है ?
- NSE क्या है ?
- BSE क्या है ? और भी काफी कुछ। उसके लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिये और मेरा अगला ब्लॉग देखिये।
आशा करती हूँ , की आपको शेयर बाजार के बारे में यह जानकारी पसंद आएगी और आप शेयर बाजार में पूरी तैयारी के साथ जरूर निवेश करना और करोड़पति बनने का अपना सफर शुरू करेंगे।
आपको मेरा ब्लॉग कैसा लगा, comment के जरिये जरूर बताइए। मेरे इस ब्लॉग को like और शेयर करिये।
देखते रहिये मेरी website- हिन्दी मे सारी जानकारी। बहुत जल्दी फिर से मिलती हूँ अपने अगले blog के साथ.
आपकी दोस्त,
Neeru
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What is mutual funds – म्यूच्यूअल फण्ड क्या है – How compounding make you rich
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2 years agoon
August 10, 2020By
neeruनमस्कार दोस्तों, मेरी वेबसाइट हिंदी मे सारी जानकारी में आप का स्वागत है।
आज हम बात करेंगे “Mutual Funds” की, “म्यूच्यूअल फण्ड” क्या है।
आज भी ज्यादातर लोगो को Mutual Funds के बारे में ज्यादा नहीं पता है। अगर पता भी है तो सही तरीका नहीं पता है, की MUTUAL FUND में कैसे निवेश करें । अक्सर हम विज्ञापनों में देखते है कि MUTUAL FUND इंवेस्टेन्ट के लिए सही है मगर साथ ही साथ RISK भी है। Risk शब्द सुनकर ही हम डर जाते हैं कि कही हमारा पैसा डूब ना जाये।
क्या यह सोच सही है या नहीं?
ऐसा इसलिए होता है क्योकि ज्यादातर लोगो को यह पता ही नहीं है कि MUTUAL FUND होता क्या है और यह कैसे काम करते है ? सब जिस तरह से शेयर मार्किट से डरते है, ठीक वैसे ही MUTUAL FUNDS से भी सबको डर लगता है।
मगर क्या आपको पता है कि यदि आप MUTUAL FUND की किसी भी स्कीम में 5 साल से ज्यादा, लगातार उस फण्ड में निवेश करते रहते है तो यह 99 % पक्का है की आपको FD या RD से ज्यादा ब्याज मिलेगा।
Reason यह है की हम MUTUAL FUND में लगातार SIP करते रहते है, जिसे COMPOUNDING कहते हैं । यह ठीक वैसे ही है, जैसे की एक- एक बूंद से घड़ा भर जाता है. उसी तरह से लगातार SIP करते रहने से लम्बी अवधि में एक बहुत ही बड़ी रकम आप इकठा कर सकते है।
एक सबसे जरुरी बात ध्यान रखने वाली है की आपको किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट को करने के लिए सब्र रखना आना चाहिए। यही मूल मंत्र है जो की बहुत जरुरी है और आपको लगातार निवेशित रहने में और करोड़पति बनाने में मदद करता है।
यहाँ मैं आपको एक उदाहरण देती हूँ :-
मान लेते है की आप सिर्फ 1500 रुपए महीने किसी भी MUTUAL FUND में निवेश करते हैं. आपने 10 साल के लिए SIP शुरू किया और उस पर ब्याज सबसे कम 15% मिलता है। तो आपको 10 साल में कितना पैसा जुड़ेगा?
आपको 10 साल में 4,17,986 रुपए जुड़ जायेंगे। आपको इतनी बड़ी रकम जुड़ रही है वो भी सिर्फ 1500 रुपये महीने लगाने से. जबकि आपके रुपये जुड़े है 1,80,000 और आपको return 2,37,986 रुपये का आया है।
अब यदि यही इन्वेस्टमेंट आप 20 साल के लिए करते है। तो इसी 1500 रुपये महीने की SIP से आपको 22,73,932 रुपये का Return आएगा। आपकी जमा रकम हुई है सिर्फ 3,60,000 रुपये। यहाँ पर आपकी MONEY 6.32 गुणा बड़ी है। यह एक तरह का मैजिक ही है।
इसी को कहते है “कम्पाउंडिंग” (COMPOUNDING ) जिसमे की लगातार एक लम्बी अवधि तक निवेशित करते रहने से बहुत ही आसानी से काफी बड़ी रकम जोड़ी जा सकती है।
मनी मेकिंग का एक ही गुरु मंत्र है और वह है की लगातार लम्बे समय तक निवेशित करते रहो। आप जितना लम्बा समय देंगे , आपका पैसा उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा । यहाँ मैंने आपको उदाहरण देने के लिए सिर्फ 1500 रुपये के इन्वेस्टमेंट प्लान का हिसाब बताया है। जो की आज के समय में हम लोग एक बार पिज़्ज़ा आर्डर करे तो ही खर्च हो जाता है।
यह return हमने सबसे कम लिया है. यदि हम बहुत ही अच्छी स्कीम में निवेश करें तो हमारा return बड़ी ही आसानी से 22 से 23% भी मिल सकता है।
म्यूच्यूअल फंड्स का return किसी भी RD, FD, GOLD, REAL STATE इन सभी से बहुत ज्यादा होता है। छोटी अवधि में आपको यहाँ पर ज्यादा Return नहीं मिलता है, लेकिन जैसे ही 6 साल पूरे होते है वैसे ही आपको फायदा दिखना शुरू हो जाता है। लम्बी अवधी में रिस्क भी काफी कम हो जाता है या कह सकते है की ना के बराबर हो जाता है।
अब बात करते है कि MUTUAL FUND क्या है और यह काम कैसे करता है।
What is mutual fund and how it works? How to invest in mutual fund?
What is mutual fund?
सबसे बड़ी भ्रान्ति लोगो को है कि Mutual Fund सिर्फ शेयर बाजार में ही निवेश करते है। इसीलिए यह बहुत रिस्की है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है.
Mutual Fund शेयर बाजार के साथ साथ और भी जगह मे निवेश करते है। जैसे कि सोना, चांदी, प्रॉपर्टी और सरकारी स्कीम्स में भी निवेश करते है। इन्हे इस तरह से बांटा जाता है।
- Equity Fund (यह शेयर बाजार में निवेश करते है )
- Gold Fund (यह सोने में निवेश करते है )
- Real State Fund (यह प्रॉपर्टीज में निवेश करते है )
- Debt Fund (यह सरकारी योजनाओ में निवेश करते है )
Mutual Fund को सही से समझने के लिए सबसे जरुरी है की आप जाने की शेयर बाजार क्या है? इसके लिए आप मेरा पिछला ब्लॉग देख सकते हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के 3 तरीके होते है।
- पहला तरीका है की आप खुद से रिसर्च करे और पता करे कि कौन से शेयर अच्छे है, ताकि आप सही शेयर का चुनाव कर सके। इसका फायदा यह है की आपको किसी को कोई फीस नहीं देनी पड़ती है और नुकसान यह है कि आपको इसमें पूरा टाइम देना पडता है। इसके लिए सही ज्ञान की भी जरुरत होती है।
- दूसरा तरीका होता है कि आप किसी एक्सपर्ट आदमी की सलाह लेकर निवेश करे जो की इस विषय की अच्छी जानकारी रखता हो। इसका फायदा यह है की आपको रिसर्च के लिए कोई समय नहीं देना पड़ेगा। सारा काम एक्सपर्ट देखेगा और आप फ्री रहेंगे। नुकसान यह है कि लगातार शेयर को खरीदना और बेचने का काम आपको करना होगा वो एक्सपर्ट आपको सलाह देता रहेगा, मगर transactions आपको ही करनी होगी और वो आपसे काफी ज्यादा फीस भी लेगा।
- तीसरा तरीका होता है कि आप Mutual Fund के जरिये निवेश करे। मेरे हिसाब से यह एक सबसे अलग और अच्छा तरीका है?
कैसे वो मैं आप को विस्तार से बताती हूँ।
- Mutual Fund से भी आप शेयर बाजार में निवेश कर सकते है। मगर आपको रोजाना देखना नहीं पड़ता।
- यहाँ इस विषय का एक्सपर्ट आपके पैसे को मैनेज करता है, जो की अपने विषय का माहिर है।
- आपको फीस भी बहुत कम देनी पड़ती है।
- शेयर को चुनने की भी आपको कोई चिंता नहीं रहती है।
- किसी भी तरह के निवेश के ज्ञान की भी जरुरत नहीं होती है।
- बस आपको एक अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करना रहता है।
- एक अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के बाद आपको SIP (Systematic Investment Plan ) शुरू करना होता है। जो की हर महीने आपके बैंक अकाउंट से कटती रहती है।
अब जानते है कि यह म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है।
इसको हम इस तरह से समझते है। आप चाहते है की आप 15000 रुपये महीने का शेयर बाजार में निवेश करें ताकि एक अच्छा पैसा इकठा हो सके। यदि आप किसी एक्सपर्ट को कोई अच्छा शेयर निवेश के लिए पूछते है और वो आपको MRF का या NESTLE का शेयर suggest करते है, तो आप 15000 में नहीं खरीद पाएंगे।
या फिर मारुती जैसे शेयर सिर्फ दो या तीन शेयर ही खरीद पाएंगे। मतलब यह है की आप सिमित मात्रा में ही निवेश कर सकते है।
मगर यदि यही 15000 रुपये आप किसी अच्छे Equity base म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर देते है, तो यही 15000 रुपये से आप एक साथ बहुत सारी कंपनियों में निवेश कर सकते है। यहाँ फण्ड का चुनाव आपके लिए एक एक्सपर्ट करता है। यदि वो एक्सपर्ट चाहे तो इसी मनी में आपको MRF या NESTLE जैसे शेयर को भी आराम से खरीद सकते है।
कैसे वो मैं आपको आगे बताउंगी। HOW IT WORKS?
मान लेते हैं की एक म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी कोई स्कीम निकालती है और विज्ञापन के जरिये लोगो को आमंत्रित करती है की आप आइये और हमारी इस स्कीम में पैसा लगाइये। हम आपको एक अच्छा इतना फायदा करके देंगे। इस तरह से वो आम लोगो से पैसा मांगते है।
मान लेते है की इस म्यूच्यूअल फण्ड में 500 लोगो ने 2000 रुपये निवेश कर दिए। अब इस फण्ड के पास 10,00,000 रुपये इकठा हो गए हैं । अब यह कंपनी एक एक्सपर्ट और उसकी एक रिसर्च टीम को नियुक्त करेगी जो कि इन सभी 500 लोगो के लिए इस 10,00,000 रुपयों को शेयर बाजार में निवेश करेंगे। क्योकि यह एक काफी बड़ी रकम है, इसमें अधिक मात्रा में काफी अच्छे शेयर्स ख़रीदे जा सकते है।
इसमें यदि उस एक्सपर्ट और उसकी टीम को MRF या NESTLE का शेयर भी पसंद है तो वो बहुत ही आसानी से खरीद सकते है।
आपने देखा की सीधे-सीधे आप इन शेयर को नहीं खरीद सकते थे मगर म्यूच्यूअल फण्ड के जरिये यह बहुत ही आसानी से संभव हो पाया। यहाँ पर जैसे की 10,00,000 रुपयों में जितने भी शेयर्स आते है उन सभी को वो यूनिट्स में बाँट देते है और वो यूनिट्स हम लोगो को दे दी जाती है।
यदि आप यह 15,000 रुपये महीने की SIP 20 साल तक लगातार चलाते रहते है और हम 18% का ब्याज भी लगा लेते है.
इन 20 साल में आपने पैसा निवेश किया 36,00,000 और आपको return आया 3,51,52,308 (तीन करोड़, इक्यावन लाख, बावन हजार, तीन सौ आठ ). यहाँ 20 साल में आपका पैसा 9.77 गुना बड़ गया है, जो की किसी भी FD या RD में संभव ही नहीं है।
यह कैसे संभव हुआ, जानते हैं कैसे ।
म्यूच्यूअल फण्ड एक फण्ड मैनेजमेंट कंपनी बनाते है जिसे की AMC कहा जाता है। यह कंपनी एक फण्ड को लांच करती है। फिर लोगो से पैसा मांगते है की हमने एक मल्टीकैप फण्ड लांच किया है। मतलब यह की हम हर तरह की छोटी ,बड़ी और मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करेंगे और हमारे पास यह एक्सपर्ट्स है जो की आपके पैसो को अच्छे से मैनेज करेंगे ।
वो आपको एक्सपर्ट्स का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड भी बताएँगे, जिससे आप उनके ऊपर भरोसा कर सकें।
कुल मिलाकर पूरा बैकग्राउंड डिटेल्स आपको बता देते है जिससे आपको भी सेफ लगे और उस फण्ड पर विश्वास हो जाये। वो आपको यह भी बताते है की हम आपको इतने समय में इतना फायदा करवा सकते है।
तो इस तरह से जो भी लोगो को यह फण्ड पसंद आएगा वो इस फण्ड में निवेश कर देंगे। इस तरह से मान लेते हैं की 10,000 लोगो ने निवेश शुरू कर दिया। किसी ने 500 रुपए लगाया किसी ने 5000 लगाया। तो इस प्रकार एक काफी बड़ा फण्ड इकठा हो जायेगा। इस फण्ड को AMU (ASSEST UNDER MANAGEMENT ) बोलते है।
मानते हैं की इस बार 1 करोड़ फण्ड इकठा हुआ। इस फण्ड का फण्ड मैनेजर और उसकी रिसर्च टीम बेस्ट शेयर्स को चुनेगी और फिर हर सेक्टर के फण्ड खरीदेगी। मतलब की बैंक, फार्मा, FMCG– इसी तरह से हर सेक्टर की कंपनियों के शेयर खरीदेगी। ताकि कभी कोई सेक्टर अच्छा परफॉर्म ना भी करे तो दूसरा सेक्टर जो की अच्छा परफॉर्म कर रहा है तो वहां से बेनिफिट हो सके।
जैसे की आज कोरोना की स्थिति में फार्मा सबसे अच्छा परफॉर्म कर रहा है और बाकि सब थोड़ा कम परफॉर्म कर रहे है, तो भी हमारा नुकसान बैलेंस हो जायेगा। फिर शेयर खरीदने के बाद हम लोगो को हमारे निवेशित मनी के हिसाब से यूनिट्स दे दी जाती है।
इसे हम एक उदाहरण से समझते है
यह ठीक वैसे ही है जैसे की आप रूम शेयर करते है। आपने 3 कमरों का एक बहुत ही अच्छा फ्लैट किराये पर लिया। जिसका किराया 20,000 रुपये महीना है। उसे आपने 6 लोगो के साथ शेयर किया और किराये को 6 लोगो में बाट दिया। तो आपको एक इंसान को किराया 3333 रुपए महीना ही पड़ा और साथ ही आपको एक बढ़िया घर भी रहने को मिल गया. सभी सुविधाओं के साथ, जो की आप अकेले नहीं ले पाते। ठीक इसी तरह से म्यूच्यूअल फण्ड भी शेयर निवेश है जिसे की आप एक ग्रुप के साथ निवेश कर रहे है।
सबसे बड़ी बात की यहाँ एक काफी जाना माना एक्सपर्ट अपनी टीम के साथ हमारे लिए काम कर रहा है। वो भी बहुत ही कम फीस में, जो की ना के बराबर है।
ADVANTAGE OF MUTUAL FUND
- थोड़े पैसो के निवेश में ज्यादा DIVERSIFICATION– माना की यदि आप सिर्फ 5000 रुपये महीने का निवेश करना चाहते है। तो सीधे सीधे शेयर मार्किट में आप बहुत ही सिमित मात्रा में ही निवेश कर पाएंगे। मगर यदि यही 5000 रुपये आप म्यूच्यूअल फण्ड के माध्यम से निवेश करते है। तो आपका यही पैसा एक साथ 50 कंपनियों में लगा पाते है जो की सीधे – सीधे आप कभी भी नहीं लगा सकते। इसलिए आपको यहाँ थोड़े पैसो में ज्यादा कंपनियों मैं निवेश करने का अवसर मिलता है। जो की सिर्फ म्यूच्यूअल फण्ड में ही संभव है।
- यहाँ पर एक जाना माना एक्सपर्ट अपनी टीम के साथ लगातार आपके पैसो को बहुत ही अच्छे से मैनेज कर रहा है- यदि आप 5000 के लिए किसी एक्सपर्ट से सलाह के लिए जाते है और पूछते है की आपको कुछ अच्छे शेयर बताए, तो वो एक्सपर्ट बोलेगा की 5000 में तो ज्यादा कुछ भी नहीं आएगा और इससे ज्यादा तो मेरी फीस है। वो आपको मना कर देगा। मगर यहाँ एक बहुत ही जाना माना एक्सपर्ट आपके इन्ही 5000 रुपयो को बहुत ही अच्छी तरह निवेश करता है, वो भी बहुत ही कम फीस पर। वो इस तरह की हर महीने जब आप 5000 रुपये लगाते है तो कंपनी उसमे से लगभग 1% या कई जगह पर 2% कट करती है यानि की वो 4995 का निवेश करती है और 50 रुपए काट लेती है इसी से वो एक्सपर्ट्स की सैलरी देते है। इस काटी गयी मनी को expense ratio कहा जाता है।
क्योकि यहाँ पर इस एक्सपर्ट की फीस लाखो लोग मिलकर दे रहे है, इसी लिए एक बेस्ट एक्सपर्ट की सेवा हमे काफी सस्ते में उपलब्ध हो रही है। यहाँ पर यह expense ratio कुछ कम या ज्यादा हो सकता है। यह अलग अलग फण्ड पर निर्भर करता है, मगर मामूली सा फर्क होता है। आप फण्ड चुनते वक़्त expense ratio जरूर चेक करे और जहा कम हो उसी फण्ड को चुने।
- आपने एक बार पैसा लगा दिया मतलब की SIP शुरू कर दी,तो आपको रोज रोज आपके निवेश को देखने की जरुरत नहीं पड़ती। क्योकि यहाँ एक्सपर्ट है वो अपने हिसाब से शेयर्स को खरीदता और बेचता रहेगा। आपको उसका ध्यान रखने की जरुरत नहीं पड़ती। बस आपको अपने बैंक को एक बार निर्देश देना होता है की हर महीने 5000 की SIP इस फण्ड में जानी है और वो automatically आपके अकाउंट से हर महीने जाती रहेगी। आप टेंशन फ्री होकर अपने काम में ध्यान लगा सकते है।
- आप जब भी चाहे अपने पैसे वापिस निकल सकते है। बीच में आपको कभी भी पैसे वापिस चाहिए तो आप किसी भी वक़्त म्यूच्यूअल फण्ड को बेच सकते है। दो दिनों में सारा पैसा आपके अकाउंट में वापिस आ जायेगा।
- बीच में यदि कभी आपके अकाउंट में पैसे नहीं है और आपकी SIP बाउंस हो जाये तो इस तरह की स्थिति में घबराने की कोई अवश्यकता नहीं है। यह कोई बैंक का चैक या EMI की तरह बिलकुल नहीं की आपको कोई प्रॉब्लम होगी। आप बैंक से फिर निर्देश देकर SIP शुरू कर सकते है. कुछ चार्ज लगेंगा जो बिल्कुल ना के बराबर है, कोई भी लिमिट नहीं है।
अब तक हमने हमने फायदे की बात करी, अब नुकसान या DISADVANTAGE भी आपको बताना मेरा फर्ज है। क्योकि कही भी सिर्फ सब अच्छा अच्छा ही नहीं होता बल्कि थोड़ी बहुत कमिया भी होती है।
DISADVANTAGE OF MUTUAL FUND
- म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी का लालच म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम कंपनी वाले बहुत ज्यादा विज्ञापन देंगे और चाहेंगे की ज्यादा से ज्यादा लोग इस कंपनी के साथ जुड़े और पैसा लगाए। क्योकि यहाँ पर उनका ज्यादा ध्यान अधिक से अधिक पैसा इकठा करना होता है। ताकि जितने ज्यादा पैसा आएगा उतना ही एक्सपेन्स रेश्यो उन्हे मिलेगा। ऐसे में उस कंपनी का ज्यादा ध्यान कमीशन पर होता है। इस वजह से कई बार जहा आपको काफी अच्छा फायदा हो सकता है वहा थोड़ा कम ही होता है। दूसरी स्कीम्स के मुकाबले हमे यहाँ फण्ड को चुनते वक़्त उस फण्ड का ट्रैक रिकॉर्ड चेक करना चाहिए, साथ ही फण्ड मैनेजर का भी ट्रैक रिकॉर्ड जरूर देखना चाहिए।
- पैसा कब निवेश करे और कब निकाले ये म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजर के हाथ में नहीं है- जी हां, यह आप और हम लोगो के हाथ में है। वो कैसे, वो इस तरह से की जब मार्किट क्रैश होता है तो यह एक बहुत ही अच्छा समय होता है निवेश को आगे बढ़ाने का. क्योकि काफी अच्छे शेयर्स बहुत ही कम दाम पर हमे मिल जाते है। मगर हम लोग अपने पोर्टफोलियो में loss देख कर घबरा जाते है और नुकसान में ही म्यूच्यूअल फण्ड से निकल जाते है। ऐसे में जब वो फण्ड मैनेजर चाहता है की वो और ज्यादा पैसा निवेश करे मगर हम अपना पैसा वापिस मांगते है तो उस वक़्त उन्हें नुकसान में शेयर्स बेचने पड़ते है।
- सब कुछ म्यूच्यूअल फण्ड पर निर्भर करता है ना की फण्ड मैनेजर और उसकी टीम पर- जी हां, कई बार रिसर्च टीम और फण्ड मैनेजर को अपनी नौकरी भी बचानी पड़ती है. क्योकि यदि फण्ड में नुकसान होगा तो वो कंपनी उस टीम को बदल देगी। किसी और अच्छी टीम को नौकरी पर रखेगी जो बहुत अच्छा फायदा करवाये। ऐसे में वो फण्ड मैनेजर सुरक्षित शेयर्स में ही निवेश करते है तो उसमे फायदा भी लिमिट में ही होगा। यदि थोड़ा रिस्क लेंगे तो काफी ज्यादा फायदा होने की भी उम्मीद रहती है मगर साथ ही बड़ा नुकसान के भी चांस होता है तो वो इस तरह का रिस्क लेने से बचते है।
- कई बार स्कीम के भी सिमित दायरे होते है- कई बार जैसे की फंड्स विभाजित होते है की यह मिडकैप फण्ड या लार्ज कैप फण्ड है, तो वो उसी तरह के शेयर्स में निवेश कर सकता है। क्योकि कई बार फण्ड मैनेजर को दूसरी तरह का फण्ड पसंद आ रहा है। उसे उसमे फायदा भी दिख रहा है मगर एक सिमित दायरे की वजह से वो चाह कर भी उस फण्ड में निवेश नहीं कर सकता।
BEST USE OF MUTUAL FUND (म्यूच्यूअल फण्ड के सबसे अच्छे और बड़े फायदे )
म्यूच्यूअल फण्ड एक बहुत ही बेहतरीन माध्यम है अपने लक्षय के लिए एक निर्धारित पूंजी को इकठा करने का (BEST TOOL FOR GOAL PLANNING)
जी हां, म्यूच्यूअल फण्ड एक बहुत अच्छा माध्यम है हमारे उदेश्य को प्राप्त करने का। उसके लिए सबसे जरुरी बात है की निवेश करने से पहले आप यह सुनिश्चित करे की आपको किस उदेश्य के लिए पैसा जोड़ना है और कितना जोड़ना है। उसके हिसाब से ही आप आपना निवेश शुरू करे। जैसे की सभी को कुछ निर्धारित उदेश्यो को अपनी लिस्ट में जरूर रखना चाहिए।
- आप अपनी रिटायरमेन्ट के लिए अभी से निवेश जरूर शुरू करे– हर एक इंसान के लिए आप एक रकम निश्चित करे और उस हिसाब से एक फण्ड में निवेश करे। यदि आपने 25 साल में कमाना शुरू किया है और आप तभी से एक छोटी सी रकम भी निवेश करना शुरू करेंगे तो वो छोटी सी रकम, अगले 35 साल में करोड़ बन जाएगी। क्योकि टाइम बहुत ज्यादा है, तो कम्पाउंडिंग को भी बहुत अधिक समय मिल जाता है। जैसे की यदि आप 25 साल की उम्र से सिर्फ 2000 रुपए ही किसी फण्ड में निवेश शुरू करते है। तो अगले 35 साल में आप इस छोटी सी रकम से 7,01,94,975 (सात करोड़,एक लाख,चौरानवे हजार,नोसौ पिचहतर) रुपये बना लेंगे। जो की एक बहुत बड़ी रकम है।
- बच्चो की उच्च शिक्षा के लिए– ठीक इसी तरह से जब आपका बच्चा होता है, ठीक उसी समय यदि आप एक फण्ड उसकी शिक्षा के लिए ले। आपको इस रकम की अवश्यकता 18 साल की उम्र के बाद पड़ेगी । एक फण्ड आप 18 साल के लिए बना सकते हैं ।
- बच्चो की शादी के लिए- ठीक पढ़ाई की ही तरह, जन्म के समय से ही आप शादी के लिए भी एक फण्ड ले सकते हैं . मान लेते है की आप २५ साल की उम्र में अपने बच्चो की शादी करेंगे, तो आप एक फण्ड २५ साल के लिए भी लें कर रख सकते हैं ।
इसी तरह से पहले आप अपना उदेश्य निश्चित करे, उसी के अनुसार निवेश को शुरू करे। इस तरह यदि आप निवेश करेंगे तो आपको कभी भी पैसो की कोई कमी नहीं होगी और आप बहुत ही जल्दी अमीर बन सकते है।
जैसे की यदि आप 10,000 रुपए महीने का निवेश करना चाहते है तो आप अपने उदेश्यो के अनुसार 4 या 5 फण्ड में निवेश करना शुरू करे।
यहाँ मैं आपको एक TIP देना चाहूंगी– जैसे हर साल आपकी तनख्वा (सैलरी ) बढ़ती है, उसी हिसाब से यदि आप अपने निवेश को भी कुछ प्रतिशत बड़ा दे तो आपको और भी अधिक फायदा होगा। यह आप मान लो की 3 % आप हर साल बड़ा दीजिये।
जैसे की 2020 में आपने 2500 के चार फण्ड में निवेश किया है. आपने 10,000 को चार भागो मैं बाटा है। हर साल, हर फण्ड में 3 % की बढ़ोतरी आप कर दे। यानि की 75 रुपए आप हर फण्ड में बड़ा दे।
2500 +75 =2575
इसी तरह से अगले साल 2575 का 3 % बड़ा दे जो की होगा,
2575 + 77.25 = 2652.25
इसी क्रम में आप इसे बढ़ाते रहिये। आप देखेंगे की एक बहुत ही बड़ी रकम आप इकठा कर लेंगे। पैसे को कई गुना करने का यह एक बहुत ही कारगर तरीका है ।
आशा करती हूँ की आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आएगा। बहुत जल्दी फिर मिलते है एक नए ब्लॉग के साथ।
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धन्यवाद और आप का दिन शुभ हो।
आपकी दोस्त,
Neeru
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NSE Nifty in Hindi – निफ़्टी क्या है- ये SENSEX से कैसे अलग है?
Published
2 years agoon
July 9, 2020By
neeruनमस्कार दोस्तों,
जैसे की मैंने अपनी पहली पोस्ट में आपको शेयर बाजार क्या होता है बताया था। आज हम बात करेंगे NSE Nifty in Hindi – निफ़्टी क्या है – ये SENSEX से कैसे अलग है?।
सेंसेक्स और निफ़्टी को समझने से पहले हमे “Stock exchange” को समझना होगा।
Basically, यह एक ऐसी जगह है, जहा शेयर्स की खरीदारी और बिकवाली होती है।
India में 2 बड़े stock exchange है।
- BSE (BOMBAY STOCK EXCHANGE)
- NSE (NATIONAL STOCK EXCHANGE)
BSE (BOMBAY STOCK EXCHANGE)
- BSE 1875 में Establish हुआ था। आज ही के दिन इसका जन्म हुआ था. हैप्पी बर्थडे BSE.
- यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
- यह दुनिया का 10th सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
- यह दलाल स्ट्रीट मुंबई में स्थित है।
- BSE में 5500 से ज्यादा कम्पनीज है।
- 1978-79 सेंसेक्स की बेस वैल्यू Rs 100 रखी गयी थी.
NSE (NATIONAL STOCK EXCHANGE)
- NSE 1992 में Establish हुआ था और 1993 में इसे स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गयी थी।
- यह दुनिया का 11th सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
- यह भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसमे आधुनिक तरह से automatic स्क्रीन based इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम तैयार किया गया, ट्रेडिंग सुविधा को और अधिक आसान करने के लिए।
- इसका head office भी मुंबई में ही स्थित है।
- इसमें 1600 से भी ज्यादा कम्पनीज शामिल है।
- 1996 मैं निफ़्टी की बेस वैल्यू Rs 1000 रखी गयी थी.
इंडेक्स (Index) क्या होता है?
शेयर बाजार का इंडेक्स, वह इंडेक्स होता है जो की आपके मार्किट की हेल्थ को बताता है- की हेल्थ सही है या खराब है। मार्किट के उतार और चढ़ाव को बताने के लिए शेयर बाजार सूचकांक (इंडेक्स) एक calculative तरीका है।
अब इसके लिए सारी कम्पनीज को तो रोजाना देखा नहीं जा सकता। कुछ कम्पनीज के ग्रुप को देख कर अंदाजा लगाया जाता है की मार्किट up है या down है। इस ग्रुप में हर सेक्टर की कुछ कम्पनीज को शामिल किया जाता है और उसी से हमको मार्किट के up और down का या मार्किट स्टेबल है या नहीं का पता चलता है।
हमारे यहाँ भारत में दो Indexes ज्यादा प्रचलित है- BSE INDEX और NSE INDEX.
BSE मतलब SENSEX और NSE मतलब NIFTY.
इससे अलग और भी इंडेक्स है. हर सेक्टर का अलग इंडेक्स है. चाहे तो हम अलग से हर सेक्टर को देख सकते है या फिर सेंसेक्स और निफ़्टी के हिसाब से भी देख सकते है।
क्यों हम हमेशा शेयर मार्किट में सेंसेक्स और निफ़्टी को ही देखते है? आपने हमेशा देखा होगा की आज सेंसेक्स 100 पॉइंट ऊपर और निफ़्टी 50 पॉइंट ऊपर या 100 पॉइंट सेंसेक्स नीचे और निफ़्टी 50 पॉइंट नीचे।
हर रोज ये UP & DOWN होते रहते है, तो आपके मन में विचार आता होगा की:
- ये क्या दर्शाते है?
- इसका मतलब क्या होता है ?
- वो क्या कारण है जिस वजह से ये रोज ऊपर और नीचे होते रहते है?
- इतना ज्यादा FLUCTUATION क्यों होता है- सेंसेक्स और निफ़्टी में?
घबराइए नहीं, आज मैं आपको बताउंगी की सेंसेक्स और निफ़्टी कैसे काम करते हैं। साथ ही, यह भी की इनमे इतना ज्यादा movement रोज-रोज क्यों होता है और आपको इन्हे कैसे समझना है, ताकि आप इनके movement के आधार पर सही निर्णय ले सके। साथ ही किस और क़ौन सी कंपनी में निवेश करे और किस वक़्त करे, कौन सा सही समय है निवेश करने का।
चलिए, आज हम जानेगे सेंसेक्स और निफ़्टी का पूरा खेल विस्तार में। NSE Nifty in Hindi – निफ़्टी क्या है – ये SENSEX से कैसे अलग है?
जैसे की आप सभी बिज़नेस न्यूज़ में देखते हैं और live रिपोर्ट होता रहता है की सेंसेक्स और निफ़्टी अभी इतना ऊपर है या इतना नीचे है. यही न्यूज़ में पूरा दिन लाइव चलता रहता है. ऐसा लगता है जैसे दुनिया की सबसे जरुरी चीज यही है। और यदि मार्किट 500 पॉइंट नीचे गिर गया तो पता नहीं कौन सा पहाड़ टूट गया.
एक उदहारण के जरिये मैं आप को समझाने की कोशिश करती हूँ।
आप लोग तो जानते ही होंगे की जब भी चुनाव होते है तो opinion poll और exit poll होता है. जिससे एक अंदाजा हम सभी को लगता है की कौन सी पार्टी चुनाव जीतेगी। हलाकि यह एक अंदाजा ही होता है, सही रिजल्ट नहीं होता है. मगर हमको अंदाजा हो जाता है की कौन जीतेगा यह 70% तक सही होता है, 30% चांस होता है की अंदाजा गलत हो. क्योकि कुछ लोगो के समूह से पूछा जाता है की वो किसको वोट करेंगे या उनको क्या लगता है की कौन सी पार्टी के जितने के चांस ज्यादा है।
ठीक इसी तरह भारत में 5000 से भी ज्यादा कम्पनीज BSE में शामिल है और 1600 से भी कही ज्यादा NSE में। इतनी सारी कम्पनीज के PRICE को रोजाना देखना बहुत ही मुश्किल है। इसी का पता लगाने के लिए सेंसक्स और निफ़्टी को देखा जाता है। यह भी basically शेयर मार्किट का एक तरह से Exit Poll ही है। जो की हमे अंदाजा देता है मार्किट के बारे में, की मार्किट ऊपर है या नीचे है। मगर यह भी 100% सही नहीं हो सकता है, 70% ही सही होता है.
अब बात करते है की सेंसेक्स और निफ़्टी बनता कैसे है।
SENSEX में 30 सबसे बड़ी कम्पनिया शामिल होती है। जो की हर सेक्टर की बड़ी कम्पनिया चुनी जाती है।
NSE NIFTY में इंडिया की 50 सबसे बड़ी कम्पनिया शामिल है। इसे हर सेक्टर की बड़ी कम्पनीज को मिलाकर बनाया जाता है.
सेंसेक्स और निफ़्टी में यह कम्पनिया “Free Float Market Capitalization” के हिसाब से शामिल की जाती है।
Free Float Market Capitalization क्या होता है।
इसे समझने के लिए मै आपको एक और उदाहरण देती हूँ.
सबसे पहले किसी भी कंपनी का मार्केट कैप कितना है?
माना की किसी कंपनी के शेयर का price 30 Rs है और उस कंपनी के 10 शेयर है.
30*10=300 (उस कंपनी का मार्किट कैप हुआ).
लेकिन सिर्फ मार्किट कैप के हिसाब से कम्पनिया सेंसेक्स या निफ़्टी में शामिल नहीं होती है. वो होती है, Free Float Market Capitalization के हिसाब से.
उसे हम इस तरह समझते है। इसमें प्रमोटर का हिस्सा यानी की “company owner” का हिस्सा हटा दिया जाता है, बस जो शेयर मार्किट में है उन्ही को जोड़ा जाता है।
जैसे की किसी कंपनी के 1 शेयर का प्राइज Rs 30 है. मगर उसमे से 4 शेयर कंपनी मालिक के पास है. उन शेयर को नहीं जोड़ा जाता है।
10-4= 6, मतलब की सिर्फ 6 शेयर को ही जोड़ा जाता है. इन्ही से Free Float Market Capitalization निकलता है। 6*30 =180 हुआ, यही जुड़ेगा।
तो सेंसेक्स और निफ़्टी में वो 30 और 50 कम्पनिया शामिल है, जिनका Free Float Market Capitalization सबसे ज्यादा है।
निफ़्टी और सेंसेक्स हमेशा एक ही proportion में बढ़ते या घटते नहीं है। कभी सेंसेक्स 2% ऊपर है तो कभी निफ़्टी 1% ही ऊपर होता है. क्योकि निफ़्टी में 20 कम्पनीज ज्यादा है सेंसेक्स के मुकाबले।
जब भी मार्किट लगातार बढ़ता रहता है और शेयर की वैल्यू बढ़ती है, उसे BULL मार्किट कहते हैं. ठीक इसी तरह से, जब मार्किट लगातार गिरता रहता है और शेयर्स की वैल्यू कम होती है, उसे BEAR मार्किट कहते हैं. ये आपने अधिकतर सुना होगा.
No doubt निफ़्टी और सेंसेक्स हमारा बहुत सारा time बचाते है और हमे बहुत जल्दी ही minutes में ही मार्किट का हाल पता चल जाता है, की आज मार्किट कहा जा रहा है, कैसा चल रहा है.
मगर हम इन पर आँख बंद करके भरोसा नहीं कर सकते क्योकि इसमें दो limitations है।
1st limitation:
इसमें 30 सबसे बड़ी या 50 सबसे बड़ी कम्पनिया लिस्टेड नहीं है। बल्कि वो 30 और 50 बड़ी कम्पनिया लिस्टेड है जिनका Free Float Market Capitalization सबसे ज्यादा है।
उदहारण के लिए :
COMPANY A | COMPANY B |
---|---|
1100 CR का इसका मार्किट कैप है, इसमें से 700 CR के शेयर कंपनी के मालिक के पास है। | 800 CR का इसका मार्किट कैप है, इसमें से 300 CR के शेयर कंपनी के मालिक के पास है. |
400 CR के शेयर्स मार्किट में पब्लिक के पास है. माना जायेगा की इस मार्किट का Free Float Market Capitalization 400 CR ही है. | 500 CR के शेयर मार्किट में पब्लिक के पास है. माना जायेगा की इस मार्किट का Free Float Market Capitalization 500 CR ही है. |
COMPANY B का Free Float Market Capitalization 500 करोड़ है जो की COMPANY A से ज्यादा है. जबकि कंपनी A का मार्किट कैप यानी की total value ऑफ़ money 1100 करोड़ है जो की COMPANY B से ज्यादा है.
फिर भी COMPANY B को ही बड़ा माना जायेगा और यही कंपनी सेंसेक्स और निफ़्टी में लिस्ट होगी.
अब आप सोच रहे होंगे की लिस्टिंग में क्या issue है ।
2nd limitation:
सिर्फ 30 या 50 कम्पनियो के movement से सभी कंपनियों के सही movement का अंदाजा नहीं लग सकता है। ये कुछ ऐसा होगा की एक स्कूल के 10000 बच्चो की study कैसी है, वो कुछ topper बच्चो के नम्बरो से निर्णय कर लेंगे की सभी topper है या average है। ऐसा हम नहीं कर सकते हैं.
ठीक उसी तरह से, हमे हर एक कंपनी को देखना होगा जिसे की हम खरीदना चाहते है. सिर्फ सेंसेक्स या निफ़्टी देख कर कोई भी कंपनी को ख़रीदा नहीं जा सकता।
3rd limitation:
Survivor-ship bias- मतलब यह की अगर ये 30 या 50 कम्पनिया अच्छा perform नहीं करेंगी तो शेयर काफी नीचे आ जायेंगे, तो सेंसेक्स और निफ़्टी भी नीचे गिरेंगे और फिर सेंसेक्स और निफ़्टी इन कंपनियों को हटा देंगे। दूसरी कंपनियों को शामिल करेंगे जो की अच्छा परफॉर्म कर रही होंगी या जिनका Free Float Market Capitalization सबसे ज्यादा होगा.
इसी तरह से हर quarter में यह लिस्ट बदलती रहती है. मतलब यहाँ हमेशा winners को ही जगह दी जाती है, जो की time to time बदलते रहते है।
अब आप कहेंगे की क्यों ना फिर इन्ही 80 लिस्टेड कम्पनीज में से ही मैं शेयर खरीद लूं. जी हाँ आप ले सकते है, मगर जब वो सेंसेक्स और निफ़्टी में शामिल होते है तो already शेयर price काफी ज्यादा होता है.आपको चाहिए की आप विनर्स को विनर बनने से पहले ही पहचानो। यह संभव होगा आपकी अच्छी knowledge और research से.
आपको identify करना सीखना होगा की किस कंपनी में वो काबिलियत है जो वो विनर बन सकती है और सेंसेक्स और निफ़्टी में आगे जा कर शामिल भी हो सकती है. मतलब की देश की सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है।
Mainly आपका मकसद होना चाहिए की आपको अच्छा return मिले। अगर आप अच्छी quality के mid cap और small cap शेयर भी खरीदते है, तो आज न सही मगर दो से तीन साल में वो आपको अच्छा return जरूर देंगे।
ध्यान रहे- की सेंसेक्स और निफ़्टी में large cap fund ही शामिल होते है।
आज के हिसाब से, निचे दी गयी निफ़्टी में शामिल 50 कम्पनीज की लिस्ट है. समय के अनुसार ये बदलती रहती है.
Nifty 50 Stocks list with weightage
Sr.No. | Company Name | Sector | Weightage |
---|---|---|---|
1 | Reliance Industries Ltd. | Petroleum Products | 12.46% |
2 | HDFC Bank Ltd. | Banks | 10.66% |
3 | Housing Development Fin. Corp. Ltd.£ | Finance | 7% |
4 | Infosys Limited | Software | 6.22% |
5 | ICICI Bank Ltd. | Banks | 5.25% |
6 | Tata Consultancy Services Ltd. | Software | 5.05% |
7 | Kotak Mahindra Bank Limited | Banks | 4.6% |
8 | Hindustan Unilever Ltd. | Consumer Non Durables | 4.49% |
9 | ITC Ltd. | Consumer Non Durables | 3.92% |
10 | Bharti Airtel Ltd. | Telecom – Services | 3.1% |
11 | Larsen and Toubro Ltd. | Construction Project | 2.66% |
12 | Axis Bank Ltd. | Banks | 2.12% |
13 | Maruti Suzuki India Limited | Auto | 1.79% |
14 | Asian Paints Limited | Consumer Non Durables | 1.76% |
15 | Bajaj Finance Ltd. | Finance | 1.73% |
16 | State Bank of India | Banks | 1.58% |
17 | Nestle India Ltd. | Consumer Non Durables | 1.41% |
18 | HCL Technologies Ltd. | Software | 1.39% |
19 | Sun Pharmaceutical Industries Ltd. | Pharmaceuticals | 1.18% |
20 | Mahindra & Mahindra Ltd. | Auto | 1.13% |
21 | Dr Reddys Laboratories Ltd. | Pharmaceuticals | 1.1% |
22 | NTPC Limited | Power | 1.07% |
23 | UltraTech Cement Limited | Cement | 1.04% |
24 | Power Grid Corporation of India Ltd. | Power | 1.03% |
25 | Britannia Industries Ltd. | Consumer Non Durables | 0.98% |
26 | Titan Company Ltd. | Consumer Durables | 0.91% |
27 | Bajaj Auto Limited | Auto | 0.85% |
28 | Bajaj Finserv Ltd. | Finance | 0.82% |
29 | Tech Mahindra Ltd. | Software | 0.78% |
30 | Hero MotoCorp Ltd. | Auto | 0.76% |
31 | Cipla Ltd. | Pharmaceuticals | 0.75% |
32 | Wipro Ltd. | Software | 0.75% |
33 | Shree Cement Ltd. | Cement | 0.71% |
34 | Bharat Petroleum Corporation Ltd. | Petroleum Products | 0.69% |
35 | Oil & Natural Gas Corporation Ltd. | Oil | 0.68% |
36 | Indusind Bank Ltd. | Banks | 0.66% |
37 | Coal India Ltd. | Minerals/Mining | 0.64% |
38 | Adani Ports & Special Economic Zone | Transportation | 0.6% |
39 | Eicher Motors Ltd. | Auto | 0.59% |
40 | Grasim Industries Ltd. | Cement | 0.56% |
41 | Tata Steel Ltd. | Ferrous Metals | 0.56% |
42 | UPL Ltd. | Pesticides | 0.54% |
43 | Indian Oil Corporation Ltd. | Petroleum Products | 0.5% |
44 | Hindalco Industries Ltd. | Non – Ferrous Metals | 0.49% |
45 | Vedanta Ltd. | Non – Ferrous Metals | 0.45% |
46 | GAIL (India) Ltd. | Gas | 0.44% |
47 | JSW Steel Ltd. | Ferrous Metals | 0.44% |
48 | Bharti Infratel Ltd. | Telecom – Equipment & Accessories | 0.43% |
49 | Tata Motors Ltd. | Auto | 0.41% |
50 | Zee Entertainment Enterprises Ltd. | Media & Entertainment | 0.36% |
आज के हिसाब से, निचे दी गयी Sensex में शामिल 30 कम्पनीज की लिस्ट है. समय के अनुसार ये बदलती रहती है.
Sensex 30 company list with weightage
1 | Reliance Industries Ltd. | Petroleum Products | 14.36% |
2 | HDFC Bank Ltd. | Banks | 12.02% |
3 | Housing Development Fin. Corp. Ltd.£ | Finance | 8.02% |
4 | Infosys Limited | Software | 7.32% |
5 | ICICI Bank Ltd. | Banks | 6% |
6 | Tata Consultancy Services Ltd. | Software | 5.82% |
7 | Hindustan Unilever Ltd. | Consumer Non Durables | 5.18% |
8 | Kotak Mahindra Bank Limited | Banks | 4.44% |
9 | ITC Ltd. | Consumer Non Durables | 4.42% |
10 | Bharti Airtel Ltd. | Telecom – Services | 3.58% |
11 | Larsen and Toubro Ltd. | Construction Project | 3.06% |
12 | Axis Bank Ltd. | Banks | 2.47% |
13 | Maruti Suzuki India Limited | Auto | 2.07% |
14 | Asian Paints Limited | Consumer Non Durables | 2.03% |
15 | Bajaj Finance Ltd. | Finance | 1.86% |
16 | State Bank of India | Banks | 1.78% |
17 | Nestle India Ltd. | Consumer Non Durables | 1.63% |
18 | HCL Technologies Ltd. | Software | 1.61% |
19 | Sun Pharmaceutical Industries Ltd. | Pharmaceuticals | 1.36% |
20 | Mahindra & Mahindra Ltd. | Auto | 1.3% |
21 | UltraTech Cement Limited | Cement | 1.17% |
22 | Power Grid Corporation of India Ltd. | Power | 1.1% |
23 | NTPC Limited | Power | 1.09% |
24 | Titan Company Ltd. | Consumer Durables | 1.06% |
25 | Bajaj Auto Limited | Auto | 0.98% |
26 | Bajaj Finserv Ltd. | Finance | 0.94% |
27 | Tech Mahindra Ltd. | Software | 0.89% |
28 | Indusind Bank Ltd. | Banks | 0.76% |
29 | Oil & Natural Gas Corporation Ltd. | Oil | 0.68% |
30 | Tata Steel Ltd. | Ferrous Metals | 0.66% |
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बहुत जल्दी फिर से मिलती हूँ अपने अगले blog के साथ।
आपकी दोस्त,
Neeru
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